मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को “भारत की स्वतंत्रता के वर्ष की अज्ञानता” के लिए थप्पड़ मारने पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की टिप्पणी के बाद उनके चिपलुन से पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। नारायण राणे के वकील अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट कोर्ट गए थे, लेकिन कोर्ट ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार, रत्नागिरि कोर्ट ने भी राणे की जमानत याचिका पर तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया है, लेकिन 4.30 बजे सुनवाई होगी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी को लेकर राणे के खिलाफ 4 एफआईआर दर्ज हुई हैं।
वहीं बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री महत्वपूर्ण पद होता है, सोच समझकर बोलना चाहिए। बीजेपी नारायण राणे के बयान का समर्थन नहीं करती, लेकिन नारायण राणे के पिछे बीजेपी खड़ी है। उन्होंने कहा कि पुलिस सरकार को खुश करने के लिए काम कर रही है।
इससे पहले नारायण राणे की टिप्पणी से नाराज शिवसैनिकों ने आज मुंबई में उनके घर पर हमला कर दिया है। पुलिस ने राणे के घर के बाहर जुहू में लाठीचार्ज भी किया है। नारायण राणे पर आरोप है कि उन्होंने जनआशीर्वाद यात्रा में उद्धव ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी की।
सत्तारूढ़ शिवसेना और उसके युवा संगठन युवा सेना के कार्यकर्ताओं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थकों के बीच सोमवार को महाराष्ट्र में कई जगहों पर झड़पें हुईं, क्योंकि पूर्व में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की एक टिप्पणी पर शिवसेना की तरफ से राज्य में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए।
स्थिति जल्द ही तनावपूर्ण हो गई, क्योंकि भाजपा कार्यकर्ता भी केंद्रीय मंत्री के समर्थन में एकत्र हुए। बाद में पुलिस को कुछ शिवसेना समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी और उन्हें राणे के घर की तरफ जाने से रोका। चिपलून में, शिवसेना कार्यकर्ताओं ने राणे के पोस्टर फाड़ दिए और कहा कि वे उन्हें कोई कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं देंगे।
नासिक पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने कहा, ”शिवसेना नासिक प्रमुख ने कल रात शिकायत दर्ज की कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बयान (महाराष्ट्र के सीएम के खिलाफ) ने उन्हें आहत किया है, इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए नासिक साइबर थाने में दर्ज कराई प्राथमिकी। यह एक गंभीर मामला है। केंद्रीय मंत्री के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए यहां से एक टीम भेजी गई है। वह जिस भी जगह पर होगा, उसे कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। हम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे।”
बता दें कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ पुणे शहर के चतुरशृंगी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें युवा सेना की शिकायत के बाद सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल पर आईपीसी की धारा 153 और 505 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।