Pegasus Issue: पेगासस जासूसी मामले को लेकर विपक्ष हमलावर है. इस बीच आज रक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में कहा कि इजरायल के पेगासस स्पाईवेयर बनाने वाले NSO ग्रुप के साथ कोई लेन-देन नहीं हुआ है. रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार ने एनएसओ ग्रुप टैक्नॉलोजीस के साथ कोई लेन-देन किया था.
इजराइल की निगरानी सॉफ्टवेयर कंपनी एनएसओ समूह पर भारत सहित कई देशों में लोगों के फोन पर नजर रखने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के आरोप लग रहे हैं. इसी को लेकर देश में राजनीतिक हंगामा मचा हुआ है.
संसद में पेगासस को लेकर गतिरोध बना हुआ है. 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था. लेकिन, अब तक सदन की कार्यवाही बाधित रही है. सत्र का समापन 13 अगस्त को होना है. हंगामे के बीच ही सरकार ने सदन में अनेक विधेयक को पारित कराया है तथा पेश किया है.
कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दल पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराने पर अड़े हैं, वहीं सरकार बार-बार कह रही है कि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस विषय पर संसद में दिये गये बयान के बाद यह कोई विषय ही नहीं है. सरकार ने कहा है कि वह कोविड, किसानों के मुद्दे समेत अन्य विषयों पर चर्चा के लिए तैयार है.
आज भी विपक्षी दलों की बैठक हुई. इस बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दल पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास करते रहेंगे. साथ ही महंगाई और किसानों से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे.
खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा एवं जयराम रमेश, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, लोकसभा में द्रमुक के नेता टीआर बालू, शिवसेना नेता संजय राउत और कई अन्य दलों के नेता मौजूद थे.