'कोरोना वैक्सीन मौत का कारण नहीं', देश में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों पर संसद में सरकार का जवाब
Corona Vaccine Not Death Reason: कोरोना वैक्सीन हार्ट अटैक और मौत होने का कारण नहीं है। देश में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों पर मानसून सत्र 2025 में मोदी सरकार ने यह जवाब दिया। दरअसल, देश में युवाओं की अचानक मौत और हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों को लेकर संसद में गंभीर चिंता जताई गई है। लोकसभा में शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद अरविंद गणपत सावंत और संजय उत्तमराव देशमुख ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से सवाल पूछा कि क्या देश में पिछले 5 साल में हार्ट अटैक के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है? अगर बढ़ोतरी हुई है तो इसके पीछे क्या कारण हैं?
लोकसभा में दोनों सांसदों ने स्वास्थ्य मंत्री से यह भी पूछा कि क्या मोदी सरकार ने हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों में कोई अध्ययन कराया है? क्या कोई जनजागरुकता अभियान शुरू किया गया है? क्या सरकार ने ग्रामीण और वंचित वर्ग के लोगों के लिए विशेष सुविधा या व्यवस्था की है? सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए सरकार ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) द्वारा कराई गई 2 साइंटिफिक स्टडीज का हवाला दिया। इन दोनों स्टडीज में युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों और अचानक हुई मौतों के कारणों पर रोशनी डाली गई है।
ICMR के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (NIE) ने 18–45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों में अचानक मौतों को लेकर एक मल्टीसेंटर केस-कंट्रोल स्टडी की। स्टडी में 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों से 729 अचानक मौत के केस और 2916 कंट्रोल्स (तुलनात्मक स्वस्थ व्यक्ति) को शामिल किया गया।
स्टडी में पाया गया कि कोरोना वैक्सीनेशन ने मौत के खतरे को काफी कम किया है, जबकि जिन व्यक्तियों को कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था, जिनके परिवार में मौत का हिस्ट्री थी, जिन्होंने 48 घंटे पहले शराब/ड्रग्स ली थी या फिजिकल एक्टिविटी की, उनमें अचानक मौत की आशंका अधिक थी। इसलिए कोरोना वैक्सीनेशन मौत होने का कारण नहीं है, बल्कि सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन असंतुलित जीवनशैली और पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियां जोखिम को बढ़ाती हैं।
दूसरी स्टडी एम्स, नई दिल्ली द्वारा की गई, जिसमें युवाओं की अचानक मौत होने के सामान्य कारणों की पड़ताल की गई। इस स्टडी के शुरुआती निष्कर्ष में यह पाया गया है की हार्ट अटैक (Myocardial Infarction) अभी भी युवाओं में मौत का सबसे बड़ा कारण है। कोविड महामारी से पहले और बाद की तुलना में मौत के कारणों के पैटर्न में कोई खास बदलाव नहीं आया है।