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Swati Maliwal केस का क्या होगा लोकसभा चुनाव पर असर? AAP के लिए बढ़ी चुनौती!
Swati Maliwal Case Lok Sabha Election 2024: स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास में हुई मार-पीट की घटना पूरे देश में वायरल हो रही है। दिल्ली पुलिस ने सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। सीएम आवास में लगे सीसीटीवी कैमरों से स्वाति के वीडियो सामने आ रहे हैं। वहीं स्वाति ने भी आम आदमी पार्टी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। ट्वीटर पर चल रही इस डिजिटल वॉर में स्वाति और आम आदमी पार्टी के बीच जंग छिड़ गई है। अब सवाल ये है कि स्वाति का केस लोकसभा चुनाव पर कितना असर डालेगा?
‘आप’ के लिए चुनौती बनीं स्वाति
आम आदमी पार्टी के लिए असली चुनौती छठे और सातवें चरण में होगी। बता दें कि देश में चार चरणों के लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं। छठे चरण के दौरान राजधानी दिल्ली तो सातवें चरण में पंजाब की सभी सीटों पर मतदान होने हैं। दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी की जोर आजमाइश है। अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद सत्तारूढ़ दल पहले ही शराब नीति घोटाले को लेकर आप को घेर चुका है और अब स्वाति मालीवाल के मामले ने उसे नया मुद्दा दे दिया है।
स्वाति के केस ने बढ़ाई मुश्किल?
10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। हालांकि ईडी ने केजरीवाल की इस जमानत का विरोध किया, मगर सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए सीएम को 1 जून तक की जमानत को मंजूरी दे दी। तिहाड़ जेल से रिहा होते ही केजरीवाल ने बीजेपी के खिलाफ बिगुल फूंक दिया और जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुट गए। केजरीवाल को रिहा हुए चार दिन भी नहीं हुए कि स्वाति मालीवाल के केस ने उन्हें फिर से धर्म संकट में डाल दिया।
स्वाति मालीवाल के आरोपों में कितनी सच्चाई?
स्वाति मालीवाल के केस को लेकर कई सवालों के जवाब अभी भी नहीं मिले हैं। स्वाति मालीवाल ने देर से FIR क्यों दर्ज करवाई? आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने बिभव कुमार को मामले का दोषी माना मगर बाद में पार्टी की प्रवक्ता आतिशि ने इसे बीजेपी की साजिश करारा दे दिया? आप के द्वारा शेयर किए गए वीडियो में स्वाति मालीवाल बिल्कुल ठीक नजर आ रही हैं तो क्या उनके द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं? सच्चाई चाहे जो भी हो मगर स्वाति के आरोपों को बीजेपी अपना चुनावी हथियार बनाने से नहीं चूकेगी। जाहिर है इससे दिल्ली और पंजाब में ‘आप’ के लिए चुनौती बढ़ सकती है।